Pearl In Deep
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तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 28

सज जाने दो महफिले आज , सारे परदे एक एक कर गिर जायेंगे।
जो ओढ़े खड़े है नक़ाब , उनके घिनौने चेहरे सामने आ जायेंगे।।

पार्टी की सारी तैयारियां हो चुकी थी, हॉल भी सज चुका था। रवि और इन्दर भी तैयार होकर हॉल पहुंचते हैं, इन्दर आज काफी डैशिंग लग रहा था, उसने वाइट शर्ट पर रेड कोट पहना हुआ था जो उसके व्यक्तित्व को और भी ज्यादा आकर्षक बना रहा था। इन्दर वहां के इंतजामों को देखकर दंग रह जाता हैं और खुशी से रवि को गले लगाते हुए धन्यवाद करता है। धीरे धीरे मेहमान भी आने शुरू हो जाते हैं जिनमें कुछ इन्दर के माता पिता के जानने वाले थे , कुछ इंस्पेक्टर के भेजे भेष बदले हुए अधिकारी और बाकि सब इन्दर के दोस्त और मिलने चुलने वाले।

कुछ देर बाद संध्या , मीता और आलिया भी तैयार होकर पार्टी हॉल पहुंच जाती हैं , आज तो तीनो ही बेहद खूबसूरत लग रही थी।
लाल रंग का स्टाइलिश गाउन, लम्बे एयरिंग्स , हाई हील , हाई बन और लाइट मेकअप , आज तो संध्या कमाल लग रही थी।
जहाँ मीता ने लाल शार्ट बॉडीकॉन ड्रेस , बूट्स के साथ पहनी हुई थी और साइड खुले कर्ली बाल उसे और भी खूबसूरत दिखा रहे थे। वही आलिया ने भी लाल रंग की स्टाइलिश लॉन्ग स्कर्ट , शार्ट स्टाइलिश टॉप और दुपट्टे के साथ पहनी हुई थी , साथ ही खुले बाल और हाई हील में वो आज कयामत ढाह रही थी।

पार्टी हॉल में कदम रखते ही रवि उनको देखकर हसने लगता हैं , तो उसे हसता देखकर मीता उसे घूरने लगती हैं , रवि मीता को घूरते देख अपना हाथ मुँह पर रखकर अपनी हसी दबाने की कोशिश करता है तो इन्दर उसका हाथ खींच कर बोलता है अबे आज क्यों पन्गा ले रहा हैं , रहने दे ना , मगर रवि तो लगातार हसता ही जा रहा था, उसको इस कदर हसता देखकर मीता उसके पास आती हैं और उससे पूछती हैं ,”क्या हुआ पगला गए हो क्या अचानक से , इस तरह हंस क्यों रहे हो। ” तो रवि बोलता हैं , “अरे,,,,,मुझे नहीं पता था कि मेकअप लाद कर कोई भी इतना खूबसूरत लग सकता हैं” , इसपर मीता चिढ़ जाती हैं और बोलती हैं , “हाँ ,हाँ , बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद ,,,,,,”, ये सुनकर रवि चिल्लाता है “ओये बन्दर किसे बोल रही हैं हम्म “,
“तुझे ,,,”, मीता ने हसते हुए कहा और वहाँ से चली गयी। रवि बस सकपकाता ही रह गया।
“मैंने बोला था ना मत ले पन्गा , मगर तू सुनता ही नहीं , ले अब खुश ,,,,,”, इन्दर ने कहा तो रवि मुस्कुराया , “अरे मजा आता हैं यार , मैं तो मजाक में छेड़ रहा था, देखा कैसे फुंकार रही थी , है है है “, ये सुनकर इन्दर भी अपनी हसी नहीं रोक पाता और फिर दोनों हसने लगते हैं। , “वैसे आज तीनो लग बहुत खूबसूरत रही हैं इस बात में भई कोई दोराये नहीं ,,,,,” रवि ने अपनी हसी पर थोड़ा नियंत्रण रखते हुए कहा तो इन्दर बोला ,”हम्म ये तो हैं , चल अब यही खड़ा खड़ा हसता रहेगा क्या ? , लोगो को अटेंड नहीं करना ?,,,, “
फिर वो दोनों हॉल के दरवाजे पर पहुंच जाते हैं और सबसे मिलने लगते हैं।

बैकग्राउंड में बहुत सॉफ्ट म्यूजिक चल रहा था , और अब तक पार्टी में भी काफी चहल पहल हो चुकी थी ।

“तुझको मैं रख लूं वहाँ
जहां पे कहीं है मेरा यकीन

मैं जो तेरा ना हुआ
किसी का नहीं, किसी का नहीं

ले जाए जाने कहाँ हवाएं,
हवाएं ले जाये तुझे कहाँ
हवाएं, हवाएं

ले जाए जाने कहाँ
ना मुझको खबर
ना तुझको पता
ओ..”

संध्या की आँखें किसी को ढूढ़ने की नाकाम कोशिश कर रही थी और मीता का भी लगभग यही हाल था।
तभी मानव और धीरज पार्टी में शरीक होते हैं , दोनों ही बहुत हैंडसम लग रहे थे , मानव ने भी वाइट शर्ट पर लाल कोट पहना हुआ था जबकि धीरज ने जैकेट कैरी किया हुआ था , एक नजर में देखो तो आज मानव और इन्दर दोनों बिलकुल एक जैसे ही लग रहे थे , कपड़ो के साथ साथ कद काठी भी लगभग एक जैसी सी ही थी तो पीछे से पहचानना बड़ा मुश्किल था कि कौन मानव है और कौन इन्दर।

इन्दर दरवाजे पर ही उन दोनों का स्वागत करता हैं , इन्दर को देखकर मानव के अंदर गुस्सा उमड़ने लगता हैं मगर फिर भी वो हसकर अपनी भावनाये छुपाने की कोशिश करता हैं और उन दोनों से अच्छे से मिलता हैं।
उनको आया देखकर संध्या और मीता दोनों के दिल की धड़कने बढ़ने लगती हैं और वो अचानक से शरमाई सी , सकुचाई सी महसूस करने लगती है। तभी मानव संध्या को दूर से ही देखकर हाथ हिलाता है तो संध्या भी जवाब में हाथ हिला कर हाय बोलती हैं। फिर वो लोग भी इन्ही के साथ आकर खड़े हो जाते हैं। “आप आज बहुत ही खूबसूरत लग रही हैं ,,,,,”, मानव ने संध्या की तारीफ में ये शब्द कहे तो संध्या का तो जैसे आज तैयार होना ही सफल हो गया था। , “जी शुक्रिया ,,,,” उसने अपने दिल की खुशी छुपाते हुए धीमी आवाज में कहा।

इधर धीरज भी मीता को देखकर मुस्कुरा रहा था , मीता बार बार नजरे चुराने की कोशिश कर रही थी मगर न चाहते हुए भी उसकी नजर उसी को निहारते धीरज पर ही जा टिकती थी। , “आप भी आज बहुत खूबसूरत लग रही हैं मीता जी ,,,,” न चाहते हुए भी धीरज ये बोल ही गया तो मीता सुनकर मुस्कुरा उठी , जैसे वो यही सुनने का इन्तजार कर रही हो , उसके अंदर की खुशी उसके चहरे पर साफ़ नजर आ रही थी।
थोड़ी देर की औपचारिकता के बाद वो सभी एक दूसरे के साथ काफी सहज हो गए थे और बातें करने लगे थे , इधर इन्दर और रवि अभी भी दरवाजे पर सभी के स्वागत में लगे थे , लगभग अब सभी लोग आ चुके थे बस अगर कोई नहीं आया था तो वो आन्या थी , इन्दर रह रह कर बहुत बेचैनी के साथ उसका इन्तजार कर रहा था।


“कटती नहीं घडिया अब तो इन्तजार की
आने की राह तकते हैं रस्ते पे यार की
आ जाओ मेरे दिलबर, दिल बेताब हैं रोता
महफ़िल सजी हुई हैं मगर सब्र नहीं होता
छुप छुप के देखें नजरे ,
रुके रुके से हैं कदम
तड़पाओ अब ना हमको
बन जाओ मेरे हमदम,,,,,, “

इन्दर को तो इस बात का जरा भी आभास नहीं था कि कोई और भी हैं जो आज उस महफ़िल में आन्या का इन्तजार कर रहा हैं।
घडी में समय देखकर इन्दर ने रवि से पूछा , “तूने मौसी को समय ठीक से बताया था ना ?”, “अरे हाँ यार , कैसी बातें करता हैं तू भी , टेंशन क्यों ले रहा हैं जा कॉल कर ले ना “, रवि ने कहा तो इन्दर बोला अरे नहीं यार , कोई नहीं आ जाएगी।

तभी आन्या , मौसी और अर्थ भी पार्टी में आ पहुंचते हैं मगर हॉल के गेट पर पहुंचते ही अर्थ का कोई फ़ोन आ जाता हैं तो वो आन्या और मौसी से अंदर जाने के लिए बोलकर खुद बात करने बाहर की ओर चला जाता हैं।
उधर अचानक से आलिया का फ़ोन भी आ जाता हैं तो वो भी उन लोगो के बीच से हट कर फ़ोन पर बात करने बाहर की ओर चली जाती हैं ।

इन्दर मौसी और आन्या का मुस्कुराकर स्वागत करता हैं , आन्या को देखकर इन्दर की नजरे उसी पर जैसे ठहर सी जाती हैं , आन्या आज बहुत ही अलग और खूबसूरत लग रही थी , उसने आज इंडियन एथनिक पहना हुआ था , लाल रंग की साड़ी , स्टाइलिश ब्लाउज , खुले साइड से पड़े बाल , माथे के बीच छोटी सी प्यारी सी बिंदी और आँखों में काजल , आज तो जैसे कोई सपनो की राजकुमारी ही धरती पर उतर आई हो।
रवि हल्की सी कोहनी मार कर उसका ध्यान तोड़ता हैं , तो इन्दर झेप जाता है और मुस्कुराने लगता हैं और उनको अंदर बैठने के लिए इशारा करता हैं।
आन्या की नजर जैसे ही मीता के पास खड़े मानव पर पड़ती हैं , उसके घबराहट के कारण पसीने छूटने लगते हैं। उसे तो अंदाजा भी नहीं था कि यहाँ उसे मानव ही मिल जायेगा।
“क्या हुआ आन्या तबियत तो ठीक हैं ? इतनी ठण्ड में भी पसीना,,,,,”, मौसी ने आन्या को ऐसे घबराया देखकर पूछा तो आन्या ने धीरे से मौसी के कान में कहा , “मौसी यहाँ मानव भी हैं ,,,,”
“क्या ,,,कहा ?”, अब तो मौसी का चेहरा भी देखने लायक था ।

“वो वहाँ मीता के पास रेड कोट” , आन्या धीरे से बुदबुदाई , मौसी ने एक नजर उठाकर उधर देखा और फिर आन्या को ले जाकर एक कोने की टेबल पर जाकर बैठ गयी।
“अरे आप यहाँ क्यों बैठ गयी मौसी,,,,,,,, आइये आपको सबसे मिलवाता हूँ ,,,,”, इन्दर ने उनके पास आकर कहा तो आन्या और मौसी दोनों ही थोड़ा सकपका गयी , उनको समझ ही नहीं आ रहा था अब क्या करे, अब आ गए हैं तो सब कुछ फेस करना ही पड़ेगा। दोनों ने मन ही मन सोचा।
इतने में रवि उनके लिए ठंडा ले आया तो आन्या दो गिलास उठाकर फटाफट एक के बाद एक , एक घूँट में ही पी गयी , ये देखकर इन्दर बोला अरे आन्या क्या हुआ , ठीक तो हो ना ?,
हाँ मैं ठीक हूँ , आन्या ने झूटी मुस्कराहट के साथ कहा।
तो फिर आओ मेरे साथ चलो , कहकर इन्दर ने अपना एक हाथ आन्या के आगे बढ़ा दिया।
अब आन्या के पास इन्दर के साथ जाने के सिवा कोई चारा नहीं था।

उधर हॉल के बाहर आलिया फ़ोन पर बात करते हुए बाहर जा रही थी और उधर से अर्थ बातें ख़तम करके वापिस आ रहा था तो टर्न पर उनकी टक्कर हो जाती हैं , और आलिया का मोबाइल उसके हाथ से छूट कर नीचे गिर जाता हैं , “ओह , सॉरी सॉरी, आई ऍम रियली सॉरी “, अर्थ खुद को और आलिया दोनों को सँभालते हुए बोलता हैं और फ़ोन उठाकर आलिया को दे देता हैं, अर्थ की नजरे कुछ पल के लिए आलिया पर ठहर जाती हैं , आलिया फ़ोन लेकर उसकी तरफ देखकर मुस्कुराती हैं और फिर बात करते हुए आगे निकल जाती हैं , मगर अर्थ वही खड़ा पीछे मुड़ कर कुछ देर तक खोया खोया सा उसे जाते हुए देखता  रहता हैं , फिर उसके पीछे भागता हैं मगर तब तक वो उसकी नजरो से ओझल हो जाती हैं।
“अरे कहा गयी अभी तो यही थी , मगर जो भी थी कमाल थी ,,,,”, अर्थ गर्दन हिला कर खुद से ही बुदबुदाकर मन ही मन मुस्कुराया और फिर पार्टी हॉल की तरफ चला गया।

इन्दर , आन्या और मौसी को साथ ले कर हॉल के बीचोबीच वहां आ जाता हैं जहाँ सभी लोग खड़े थे , इसीलिए उनको थोड़ा असहज भी लग रहा था , इतने में आन्या अर्थ को आता देखती हैं तो इन्दर का ध्यान कुछ देर के लिए बटाने के इरादे से बोलती है , आओ अर्थ से मिलाती हूँ इन्दर , वो भी आ गया हैं ,
“हाँ हाँ क्यों नहीं , कहा है वो ?” इन्दर ने उत्सुकता वश पूछा तो आन्या , इन्दर को लेकर अर्थ के पास पहुँचती हैं और उसको इन्दर से मिलवाती हैं।
थोड़ी देर तक अर्थ और इन्दर की हंस हंस कर वार्तालाप होती रहती हैं इतने में संध्या भी वही पर आ जाती हैं तो इन्दर संध्या को भी आन्या से मिलवाता हैं। संध्या आन्या से मिलकर बहुत खुश होती हैं और एक्साइटेड होकर उससे बातें मिलाने लगती हैं।
“अरे बस बस , अभी के लिए इतना ही रहने दे मेरी प्यारी बहना , अभी आन्या को और लोगो से भी मिलवा दूँ ” ये कहकर इन्दर आन्या का हाथ पकड़कर मानव और धीरज की तरफ बढ़ने लगता हैं तो आन्या की दिल की धड़कने और उसकी घबराहट बढ़ने लगती हैं मगर फिर भी वो खुद को नियंत्रण में रखने की पूरी कोशिश करती हैं। 

“अब क्या होगा ? आज तो सारा भेद खुल ही जायेगा ,,,, इन्दर को सब कुछ पता लग जायेगा,,,,,,,” , घबराई सी आन्या ने मन ही मन सोचा।

उधर अर्थ की नजरे भी जब मानव पर पड़ती है तो वो उसे देखकर बौखला जाता हैं और गुस्से में आन्या के पीछे पीछे मानव के पास जाने को होता हैं तो मौसी उसका हाथ पकड़कर रोक लेती हैं और गर्दन हिला कर कुछ ना करने और शांत रहने का इशारा करती हैं।

इन्दर मानव के पास जाकर रुक जाता हैं और उसके कंधे पर हाथ रखता है , “मानव…………………, सुनो आज मैं तुमको किसी से मिलवाता हूँ “, सुनकर मानव जैसे ही पलटता हैं सामने इन्दर के साथ आन्या को देखकर मन ही मन बैचैन हो जाता हैं। मगर फिर भी अपनी बैचेनियो को छुपाये रखता हैं।
“मानव , मीट विद माय लव आन्या ,,,,”, इन्दर के ऐसा कहते ही मानव बिना कुछ रियेक्ट किये मुस्कुराकर आन्या की ओर हाथ मिलाने के लिए बढ़ा देता हैं , ये देखकर आन्या हक्की बक्की रह जाती हैं , उसे मानव के ऐसे रिएक्शन की उम्मीद तो बिलकुल भी नहीं थी।

“ये इतना नार्मल कैसे हैं , वो भी ये सब जानकर, नहीं नहीं , मतलब ये पहले से जानता हैं कि मैं और इन्दर ,,,,,,, ओह गॉड , और ये फिर भी यहाँ आया हैं ,,,, और इसने इन्दर को कुछ बताया भी नहीं अभी तक,,,,,मगर क्यों ? क्या चल रहा हैं इसके दिमाग में ,,,,,, “, आन्या ये सब सोचकर मन ही मन बहुत परेशान हो जाती हैं।
“अरे क्या सोच रही हो , मिस्टर मानव है ये , बताया था ना तुमको ,,,,” इन्दर की आवाज ने आन्या का ध्यान तोडा तो उसने थोड़ा सहज होते हुए उत्तर में मानव से हाथ मिलाने के लिए हाथ आगे बढ़ाया तभी मानव अपना हाथ वापिस खींच कर हाथ जोड़ते हुए तिरछा मुस्कुराता हुआ बोला , नमस्ते आन्या जी।

यह देख आन्या थोड़ा सकपका जाती हैं, “अब ये क्या नाटक हैं “, उसने मन ही मन सोचा। उसे मानव का ये सारा व्यवहार बहुत अजीब लग रहा था , मगर फिर , वो भी हाथ जोड़कर मुस्कुराती हैं और बिना कुछ कहे वापिस मौसी के पास आकर खड़ी हो जाती हैं और धीरे से बुदबुदाकर उनको सब बता देती हैं।
“वो तुझ देखकर बिलकुल भी शॉक्ड नहीं हुआ ऐसा कैसे , और ऐसे क्यों दिखा रहा हैं मानव जैसे तुझे जानता ही ना हो , और इन्दर के आगे इतना सभ्य बनने का नाटक क्यों ?”, मौसी भी अब परेशान थी।
“आन्या तू थोड़ा संभल कर रहना बच्चे , मुझे ना कुछ अच्छी फीलिंग्स नहीं आ रही इस मानव के यहाँ रहते “, मौसी ने आन्या को थोड़ा सचेत करते हुए कहा तो आन्या ने हाँ में पलके झपकाई।

तभी एक अनाउंसमेंट होती हैं , ओर रवि की आवाज पूरे हॉल में गूँज जाती हैं , “आप सभी अपने अपने पार्टनर के साथ जोडिया बना ले , अभी कपल डांस शुरू होने जा रहा हैं , जिन महानुभावो को इस डांस में हिस्सा नहीं लेना वो प्लीज सीट्स पर बैठ कर डांस का आंनद ले,,,,,,,,”

यह सुनकर आन्या नजरे उठाकर सामने देखती हैं तो सामने इन्दर और मानव दोनों खड़े होते हैं और आन्या एक दम से हड़बड़ा जाती हैं ,,,,,,,

क्रमश :

-रूचि जैन 

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