तिरंगे में लिपटा भी शान हूँ मैं

मैं वीर खड़ा हूँ सरहद पर , आँखों में शोले धधक रहेदुश्मन के पूरे दस्ते पर , मैं भारी पड़ने वाला हूँ कोई खौफ नहीं मेरे दिल में , बढ़ता जाऊ अग्निपथ परअपने पाषाण से सीने पर, मैं गोली खाने वाला हूँ दृण निश्चयी हूँ , मतवाला हूँ , हिम्मत मुझमें है भरी पड़ीइन पथरीली राहो पर, मैं नग्गे पाँव भी चलने वाला हूँ जज्बे का मेरे कोई तोड़ नहीं...