तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 21

एक लम्हा गुजरता नहीं , कि दूसरा आ जाता हैं ,हर बार मेरी परेशानियों को इतना क्यों बढ़ा जाता हैं।एक चिंगारी काफी होती हैं कुछ भी जलाने के लिए ,कोई बताये मुझे , मेरे दिल को उस चिंगारी से दूर कैसे रखू।। “चियर्स—–“, सभी ने एक साथ अपने गिलास को टकराते हुए कहा और अपना अपना पेग मुँह से लगा लिया।रवि ने अपना पूरा पेग एक साथ ख़तम करते हुए...