तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 33
आर्य मेंशन, मोहाली “उसकी इतनी हिम्मत कि हमसे,,,, हमसे इस तरह से बात करे। हम उसको बिलकुल भी नहीं बख्शेगे ,,,,, “, आरती खिसियानी बिल्ली जैसे कमरे में इधर उधर घूम घूम कर कुछ कुछ बड़बड़ाये जा रही थी , उसे ये बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था कि कल तक उसके इशारो पर नाचने वाले धीरज ने आज उसकी बेइजती करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।...