Pearl In Deep
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तारे हैं बाराती

तेरे हुस्न की चर्चा , जब कभी छिड़ती है महफ़िल में,मेरी हर नज्म,  तेरे आने का इस्तकबाल करती है बना हूँ क्यों मैं आशिक क्यों दीवाना ,क्यों प्यार हुआ हमकोक्यों तमन्ना हर पहर, तेरा ही इन्तजार करती हैं छुड़ा कर साथ हमसे जब  , सब तेरी देहलीज पर आ बैठेउठा दे जब भी तू पलके , ये निगाहे कमाल करती है हर साकी की नज़रे तुझपे है , तड़पता दिल...

बिखरे पन्नें

बिखरे पन्नो को समेट लूँहर खुशी को मुट्ठी में कैद कर लूँमेरी जिंदगी की किताब है येइसमें चाहत के रंग भर लूँ अक्सर सोचती हूँ मैंबिखरे मोतियों को देखकरएक धागे से इनका प्रेम कितना हैजुड़ा साथ तो बन गई प्रेम की मालाऔर जो छूटा साथ तो ये एक मोती भी अकेला है हर लम्हा, हर पल तुझपे जान निसार कर दूँतमाम उम्र मैं अपनी तेरे नाम कर दूँ।। -रूचि जैन

क्युकी माँ तो बस माँ होती है

माँ तो बस माँ होती हैकभी हंस देती हैतो कभी अपने आँचल में समेट लेती हैकभी बरसाती है प्यार बेइंतहातो कभी सारे गमो को पी लेती हैजो आ जाये गुस्सा तो भीएक लगा के या तो खुद रो लेती हैया मुस्कुरा के फिर से मना लेती हैलुटा देती है सब कुछ अपना हमारे ऊपरनोनिहार , दुलार और ढेर सारा प्यारक्युकी माँ तो बस माँ होती है … करती रहती है...

तेरी बेपनाह मोहब्बत का क्या हिसाब लिखूँ

मन में उठ रहे प्रश्नो का क्या जवाब लिखूँ
तेरी बेपनाह मोहब्बत का क्या हिसाब लिखूँ…
मेरी धड़कने, मेरी आरजू, मेरे जज्बात का क्या हाल लिखूँ
तेरी…

अधूरा एहसास

मातृत्व का एहसास एक ऐसा एहसास है जिसे शब्दों में बयान कर पाना आसान नहीं हैं… और अगर कोई किसी कारण से इस एहसास से वंछित रह जाये तो….वक़्त के साथ घाव भर जाते है मगर कुछ एहसास ऐसे होते है जो जिंदगी भर नहीं भूले जाते … उनहीं भावनाओ को इन पंक्तियों में उतIरा है … बेपनाह दर्द है दिल में, किसी को दिखाया नहीं जाताअपनी आंख का आंसू हमसे,...

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