तारे हैं बाराती
तेरे हुस्न की चर्चा , जब कभी छिड़ती है महफ़िल में,मेरी हर नज्म, तेरे आने का इस्तकबाल करती है बना हूँ क्यों मैं आशिक क्यों दीवाना ,क्यों प्यार हुआ हमकोक्यों तमन्ना हर पहर, तेरा ही इन्तजार करती हैं छुड़ा कर साथ हमसे जब , सब तेरी देहलीज पर आ बैठेउठा दे जब भी तू पलके , ये निगाहे कमाल करती है हर साकी की नज़रे तुझपे है , तड़पता दिल...