Pearl In Deep
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तुमसे मिलना अच्छा लगता हैं…

सावन की बरसती फुआरों मेंकुहुकती कोयलिया की आवाज के साथअमुवा की पेड़ की डाली के तलेखिलखिला कर तेरा वो मुस्कुरानामुझे अच्छा लगता हैं… जब तू ओढ़ लेती है सर पर दुपट्टा शरद मेंऔर दुपक जाती है सकुचाके मेरी बाहो मेंतेरी ठण्ड से लाल हुई नाक, गालो का गुलाबीपनऔर तेरा वो उंगलियों से उंगलियों को दबानामुझे अच्छा लगता है …. फूल झरने लगते है जब भीऔर नई कोपले फूट पड़ती हैचहचहाती...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part -23

हमसे बचकर कहा छुपोगे , अब ये राज छुप ना पायेगा।आज किसको सच पता चलेगा , कौन पैरो तले रुंद जायेगा।। बाबूलाल लिफाफे से वो स्केच निकालकर इंस्पेक्टर को पकड़ा देता हैं ……और इंस्पेक्टर जब वो स्केच आन्या को दिखाता हैं तो उसकी आँखें खुली की खुली रह जाती हैं …… “मैं इसे नहीं पहचानती,,,,,”, आन्या ने घबराकर कहा। उस स्केच को देखकर उसके चेहरे के भाव तेजी से बदल...

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