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Tagged: माँ

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मेरी प्यारी माँ

मेरी प्यारी माँ- कभी कभी हमे जिंदगी में अपने किसी विशेष रिश्ते को ये बोलने का टाइम नहीं मिलता की हम उसे कितना चाहते है,
आज मैं अपनी माँ को बोलना चाहती हूँ..

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माँ, क्या तुम वाकई चली गयी हो

माँ, क्या तुम वाकई चली गयी हो – मेरी ये कविता मैं मेरी सासु माँ को समर्पित करती हूँ | जो कि अब हमारे बीच नहीं है।
माँ, आप, जो कभी हमारे पास थी
जिनके होने..

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