किरण

उजले हुए चमन में , बिजली से चमके घन की,
ठंडी चली पवन की, मीठी सी एक चुभन
करती है ढ़ेर बातें, जग- जग के सारी रातें ,
ना तू रुला किसी को, जो मन में हो किरण …