Pearl In Deep
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- Ruchi Jain

तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 10

उधर रात को आन्या की भी अपनी मौसी से बात करते करते , उनकी गोद में ही सर रखकर रोते रोते ही नींद लग गयी थी। और मौसी भी वही बैठे बैठे सो गयी थी।सुबह के ६ बजे , जब उसकी नींद खुलती तो वो खुद का सर मौसी की गोद में पाती है , रात की सारी बातें याद करके आन्या दुखी होकर धीरे से उठती है और कमरे...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 9

आर्य फार्महाउस – मनाली से २ किलोमीटर दूर एक बहुत खूबसूरत सा फार्महाउस।चारो ओर से जगमगाती रौशनी करते वहां की दीवारों से सटे हुए खड़े लैम्प्स। बाहरी ओर बना खूबसूरत बगीचा जिसकी शांति में, बगीचे के बीचोबीच बने फव्वारे के पानी की मधुर आवाज किसी के भी मन को मोह ले।फार्महाउस के मध्य भाग में बनी एक ३ कमरों की छोटी सी ईमारत पर बेहद ही खूबसूरत। सब कुछ दिल...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 8

जीप खाई की ओर मुड़ जाती है, मगर इन्दर सही समय पर जीप से कूद जाता है और दूसरी तरफ घने पेड़ो की ओर लुढ़क जाता है नीचे ढाल पर लुड़कते लुड़कते वो वहाँ उगी घनी झाड़ियों में उलझ जाता है , उसका सर किसी चीज से टकराता है ओर वो बेहोश हो जाता है।जीप को खाई में गिरता देख वहाँ लोग इकट्ठा होने लगते है पर इन्दर दूसरी ओर...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 7

वो बिना पीछे मुड़े भागती रही भागती रही और सीधा घर के अंदर घुस कर ही रुकी।उसके शरीर में अब इतनी सी भी जान शेष नहीं रह गयी थी। और गेट के अंदर घुसते ही बेहोश होकर गिर पड़ी।  धम्म की आवाज सुनकर आन्या के मौसाजी भागते हुए आये। “आन्या , आन्या क्या हुआ तुमको ?”, कहते हुए मौसाजी ने आन्या को गोद में उठा लिया और अंदर ले जाकर...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 6

पिछले भाग में आपने पढ़ा कि आन्या को महसूस होता है कि कोई साया उसको छुप छुप कर देख रहा है। पर उसको कोई दिखाई नहीं देता।इन्दर मौसी से आन्या के बारे में पूछता है और उससे मंदिर पर उसकी मुलाकात होती है। दोनों साथ कॉफ़ी पीते है और बाते करते है। इन्दर आन्या को घर छोड़ता है। अब आगे – आन्या को घर के गेट में घुसते हुए महसूस...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 5

कुछ दिनों तक रोज यही सब चलता रहा….इन्दर आन्या को सताने की , उसे परेशान करने की नाकाम कोशिश कर रहा था पर आन्या भी मन की बहुत पक्की थी। उसे बहुत ज्यादा तकलीफ और बैचनी हो रही थी पर वो फिर भी शांत बनी हुई थी।उधर इन्दर की बैचनी भी कुछ कम नहीं थी। और ऊपर सेआन्या पर फर्क न पड़ते देख इन्दर की घबराहट और डर भी बढ़...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 4

अब तक आपने पढ़ा कि – आन्या एक बहुत ही अच्छे और संपन्न परिवार में पली बढ़ी सुन्दर और शांत स्वाभाव की लड़की है जिसके लिए मानव नाम के एक लड़के का रिश्ता आता है।मानव एक रईस घर का बिगड़ा हुआ लड़का है जिसकी आलरेडी एक गर्लफ्रेंड है।वो लोग आन्या को देखने आते है और रिश्ता पक्का हो जाता है। आन्या का भाई अर्थ अगले दिन मानव को उसकी गर्लफ्रेंड...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 3

मनाली की खूबसूरत वादियां और चारो ओर खिलखिलाती हुई धूप मानो सूरज भी प्रकृति को सलाम कर रहा हो। अक्टूबर का महीना यानि अपने आप में ही दिलकश मौसम, इसी सुहाने मौसम में एक लड़की लॉन्ग कोट और हैट लगा कर सड़क के साइड साइड पैदल जा रही है, जो बेखबर इन वादियों में घूम रही है और अपने मन को वहाँ की शांति से शांत करने की कोशिश कर...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part-2

जिक्र जब उनका छिड़ा महफ़िल में , तो वो बेदाग ना निकले।महल अरमानो के, बनने से पहले ही बिखर गए ।। मोहाली का एक फेमस कॉफ़ी शॉप- एक लड़की बैठी किसी का इन्तजार कर रही हैं , उसके चेहरे की बैचेनी बता रही हैं कि वो काफी देर से किसी का इन्तजार कर रही हैं।वह बार बार अपना मोबाइल उठती हैं उसमें टाइम देखती हैं और रख देती हैं।तभी शॉप...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part -1

******प्रिये पाठको,यह कहानी एक सस्पेंस से भरी प्रेम कथा हैं ,,,,,,,,आपको यहाँ रिश्ते भी मिलेंगे और उनके बीच प्यार भी , जिज्ञासा भी और तकरार भी,,,,,,कहानी को एकजुट होने में थोड़ा सा समय जरूर लगेगा बस आप धैर्य बनाये रखे और कहानी के कम से कम १० भाग जरूर पढ़े ,,,,,,,,😊🙏 धन्यवादरूचि जैन******* मोहाली , पंजाब का एक ज़िला, जिसे संक्षिप्त में अजीतगढ़ ज़िला भी कहते हैं, चण्डीगढ़ का एक...

कशमकश

जंगलो में घूमता फिर रहा था रात दिन
रास्ता मुझको कोई समझ आया नहीं
गुम था मैं इन दरख्तों की घानी आबादी में कही
होश काफिर को अब तलक आया नहीं

परिवर्तन

चारो तरफ जश्न का शोर था। और मैं अपने एक अलग ही खुशी के खुमार में थी।मेरी बेटी को अपनी पहली फिल्म जो मिली थी।मेरी बेटी रावी एक बाल कलाकार थी। ४ साल की रावी दिखने में बहुत खूबसूरत और प्यारी थी।मुझे आज भी याद है की मैंने कैसे कैसे हाथ-पैर मारकर उसे वो २-३ Ads दिलवाये थे। आज पुरे २ साल बाद जब वो ६ साल की हो गई...

आशा का दीप

कोरोना के इस टाइम में, दिल की बैचैनी को समझाती मेरी ये कविता-
कठिन समय है, चारो और, फैला घना अँधियारा है
इस अँधियारे में आशा का तू, कोई दीप जला लेना
दूरी रखना तू , पर साथ तू रहना
निराशा को तू न आने देना

तेरी बेपनाह मोहब्बत का क्या हिसाब लिखूँ

मन में उठ रहे प्रश्नो का क्या जवाब लिखूँ
तेरी बेपनाह मोहब्बत का क्या हिसाब लिखूँ…
मेरी धड़कने, मेरी आरजू, मेरे जज्बात का क्या हाल लिखूँ
तेरी…

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