Pearl In Deep
Passion to write

- Ruchi Jain

तुमसे मिलना अच्छा लगता हैं…

सावन की बरसती फुआरों मेंकुहुकती कोयलिया की आवाज के साथअमुवा की पेड़ की डाली के तलेखिलखिला कर तेरा वो मुस्कुरानामुझे अच्छा लगता हैं… जब तू ओढ़ लेती है सर पर दुपट्टा शरद मेंऔर दुपक जाती है सकुचाके मेरी बाहो मेंतेरी ठण्ड से लाल हुई नाक, गालो का गुलाबीपनऔर तेरा वो उंगलियों से उंगलियों को दबानामुझे अच्छा लगता है …. फूल झरने लगते है जब भीऔर नई कोपले फूट पड़ती हैचहचहाती...

एक गीत सावन की फुहार के नाम

एक गीत सावन की फुहार के नाम …… मौसम ने ली अंगड़ाई , सावन की बदरी छाई जियरा हौले हौले गाये , धुन कोई मतवाली वो टप टप  करती बूंदे मेरे तन को जब छूती है सारे बचपन की यादें मेरे मन को छू लेती है छप छप करती, बच्चो की वो टुकड़ी कागज की कश्ती बनाये जियरा हौले हौले गाये , धुन कोई मतवाली कॉलेज की यादें दिल में , मीठे से तीर चलाये कॉलेज कैंटीन...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 24

“कुर्सी पर क्यों गुस्सा उतार रहा हैं”, धीरज ने मानव को देखते हुए कहा , जो लाल सुर्ख आँखों से अभी भी दूर पड़ी कुर्सी को ही देख रहा था, उसका जबड़ा और मुट्ठिया गुस्से के कारण भिंची हुई थी। उसको इतना व्याकुल और व्याग्र देख कर धीरज उसके पास जाता हैं और उसको शांत करने की कोशिश करता हैं , “तू शांत हो जा मानव , और मैं अभी...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part -23

हमसे बचकर कहा छुपोगे , अब ये राज छुप ना पायेगा।आज किसको सच पता चलेगा , कौन पैरो तले रुंद जायेगा।। बाबूलाल लिफाफे से वो स्केच निकालकर इंस्पेक्टर को पकड़ा देता हैं ……और इंस्पेक्टर जब वो स्केच आन्या को दिखाता हैं तो उसकी आँखें खुली की खुली रह जाती हैं …… “मैं इसे नहीं पहचानती,,,,,”, आन्या ने घबराकर कहा। उस स्केच को देखकर उसके चेहरे के भाव तेजी से बदल...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 22

इन्दर आन्या से बात करके फ़ोन रख देता हैं और रेस्टोबार में वापिस अंदर जाता हैं। सभी लोग अपनी अपनी जगह पर बैठे एक दूसरे से बातें बना रहे थे साथ साथ ड्रिंक्स और स्नैक्स भी चल रहा था। इन्दर को देखकर मानव मुस्कुराता हुआ पूछता हैं , “जनाब कहाँ गायब हो गए थे आप ?”, तो जवाब में इन्दर बस मुस्कुरा देता हैं….फिर सब लोगो की तरफ देख कर...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 21

एक लम्हा गुजरता नहीं , कि दूसरा आ जाता हैं ,हर बार मेरी परेशानियों को इतना क्यों बढ़ा जाता हैं।एक चिंगारी काफी होती हैं कुछ भी जलाने के लिए ,कोई बताये मुझे , मेरे दिल को उस चिंगारी से दूर कैसे रखू।। “चियर्स—–“, सभी ने एक साथ अपने गिलास को टकराते हुए कहा और अपना अपना पेग मुँह से लगा लिया।रवि ने अपना पूरा पेग एक साथ ख़तम करते हुए...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part-20

कुछ छुपाया भी नहीं जाता ,कुछ बताया भी नहीं जाताहमारी ये कैसी मुहोब्बत हैंकुछ समझाया भी नहीं जाता ।।।। इन्दर चला जाता हैं मगर संध्या अभी भी वही बैठी हैं और अपने अलग ही ख्यालो में खोई कप से सिप ले रही हैं …“वाओ, यह सब कुछ कितना रोमांटिक होता है ना, काश! मेरी जिंदगी में भी ये पल आ जायें….” और फिर ना चाहते हुए भी संध्या दुबारा से मानव...

बिखरे पन्नें

बिखरे पन्नो को समेट लूँहर खुशी को मुट्ठी में कैद कर लूँमेरी जिंदगी की किताब है येइसमें चाहत के रंग भर लूँ अक्सर सोचती हूँ मैंबिखरे मोतियों को देखकरएक धागे से इनका प्रेम कितना हैजुड़ा साथ तो बन गई प्रेम की मालाऔर जो छूटा साथ तो ये एक मोती भी अकेला है हर लम्हा, हर पल तुझपे जान निसार कर दूँतमाम उम्र मैं अपनी तेरे नाम कर दूँ।। -रूचि जैन

तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 19

घाव तन पर नहीं , पर मन के गहरे थेभेडियो की खाल में छुपे न जाने कितने चेहरे थे..वक़्त ने क्या चोट दी , जैसे सब कुछ सीखा दियाप्यार और नफरत का मतलब बता दिया।। इन्दर ने वहाँ से निकलते ही मौसी को कॉल करके वो सब बता दिया, जितना उसे पता था और उनको जल्द से जल्द घर पहुंचने को कहा।पूरा रास्ता इन्दर के लिए आज मीलो लम्बा सफर...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 18

दर्द का रिश्ता क्यों जुड़ गया हमसेहमने तो बस थोड़ा सा प्यार चाहा थाखुद चुन लिया अपने, दिल की राहों कोबस कसूर इतना सा, दिल ने बरपाया था।। आन्या डर और दर्द के कारण बुरी तरह सहम रही थी।मानव का जूनून थोड़ा शांत होता है तो वो उसकी और बढ़ता है तो वो उठकर पीछे की ओर बढ़ती है , “ये क्या कर रहे हो मानव , देखो मुझे जाने...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 17

हम दोनों है आज आमने सामनेफर्क बस इतना सा हैंहमने शिद्दत से चाहा उनको ,और तुमने शिद्दत से हमसे नफरत की आर्य मेंशन – आरती के मोबाइल पर एक मैसेज आता है।आरती मैसेज खोलकर पढ़ती है। “आन्या शॉपिंग के लिए मार्किट गयी है और मानव आन्या को मिलने वही गया है ,एड्रेस नीचे लिखा है। “ मैसेज पढ़कर (मन ही मन ) मैं तुम्हे उससे ऐसे तो मिलने नहीं दूंगी। ...

तेरे जैसा प्यार कहाँ – ट्रेलर (trailer)

हम दोनों है आज आमने सामनेफर्क बस इतना सा हैंहमने शिद्दत से चाहा उनको ,और तुमने शिद्दत से हमसे नफरत की ******************* आर्य मेंशन आरती के मोबाइल पर एक मैसेज आता है।आरती मैसेज खोलकर पढ़ती है।फिर आरती किसी को फ़ोन करती हैं और उसके चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान आ जाती हैं।“समझ गए न तुम , क्या करना है ? इस बार काम होना चाहिए, समझे तुम,,,,”, आरती फ़ोन पर...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part -16

इन्दर आन्या को लेकर कैफे पहुँचता है।“आन्या, अब ठीक हो तुम ?”, इन्दर ने जीप रोकते हुए आन्या की तरफ देख कर पूछा।“हाँ ठीक हूँ “, आन्या ने बहुत ही हल्के स्वर में उत्तर दिया। उसकी आवाज में डबडबाहत और डर अभी भी झलक रहा था , जो उसकी आँखों में आंसू बन कर उसके गलो पर लुढ़क जाता हैं।“ओफ्फो आन्या , सम्भालो खुद को , अगर तुमको ऐसे देखकर...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part -15

“इश्क़ में सुना था हद से गुजर जाते है लोग,कही इस हद का मतलब, किसी की जान लेना तो नहीं।।” आर्य मेंशन, मोहाली सुबह के ११ बजे है। तभी धीरज घर में प्रवेश करता है। उसकी निगाहे किसी को ढूढ़ रही है , वो चारो तरफ देखता है।आरती (जीने से उतरते हुए) – आओ बैठो धीरज बेटा, मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रही थी।धीरज (हाथ जोड़ कर ) – नमस्ते...

क्युकी माँ तो बस माँ होती है

माँ तो बस माँ होती हैकभी हंस देती हैतो कभी अपने आँचल में समेट लेती हैकभी बरसाती है प्यार बेइंतहातो कभी सारे गमो को पी लेती हैजो आ जाये गुस्सा तो भीएक लगा के या तो खुद रो लेती हैया मुस्कुरा के फिर से मना लेती हैलुटा देती है सब कुछ अपना हमारे ऊपरनोनिहार , दुलार और ढेर सारा प्यारक्युकी माँ तो बस माँ होती है … करती रहती है...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 14

“तू प्यार नहीं मेरा, तो अब तू मेरी नफरत भी नहीं ,तुझे पाना तो बस मेरी जिद, और मेरी जिंदगी का जूनून हैII“ आर्य मेंशन, मोहाली मानव की माँ आरती लॉबी में सोफे पर बैठी हुई है मगर उनका ध्यान कही और ही है और पिता प्रकाश वही पास में बैठे किसी क्लाइंट से फ़ोन पर बात कर रहे है।कॉल ख़तम होने पर मिस्टर प्रकाश आरती को यूँ शांत बैठा...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 13

“तेरे यादों के समुन्दर में डूबे है हमतेरे नजदीकियों के एहसास का सहारा काफी है “ रात के ११ बजे है। इन्दर अपने कमरे में बैठा खिड़की से चाँद को निहार रहा है , नींद का नामोनिशान नहीं है। शाम की मदहोशियाँ अभी तक फिजाओ में बह रही है और खयालो में साथ बिताये पल।“काश ! तुमसे तुम्हारा नंबर भी पूछ पाता ? मगर उस पल तो जैसे कोई होश...

तेरे जैसा प्यार कहाँ part-12

सूरज ढलने के बाद पहाड़ो का अपना एक अलग ही खुमार होता है।  इतना काफी होता है कभी कभी किसी भी नवयुगल के दिल में नई उमंगो को जगाने के लिए और उनको अंदर तक रोमांचित करने के लिए भी….फिर इन दोनों पर तो इश्क , पहले से ही अपना असर कर चुका था ।।मौसम काफी रूमानी था , हल्की हल्की रोशनी थी और हल्की हल्की ठंडी हवाएं भी शुरू...

कुंवारा बाप

चारो और जश्न का शोर था हर कोई अपने अपने कामो में लगा था , मैं पंडाल की लाइट लगवा रहा था कि तभी किसी ने पीछे से आकर मेरे कंधे पर हाथ रखामैंने पलट कर देखा , अरे रमेश तुम , यहाँ कब आये“आ तो काफी दिन पहले गया था मगर तुमसे बिना मिले वापिस जा न सका ..कैसे हो तुम ” , रमेश ने राघव की ओर मुस्कुराते...

तेरे जैसा प्यार कहाँ-part-11

दोपहर का १ बजा है।।। उधर रवि उसी होटल में पहुंच जाता है जिसका ओपन टैरेस इन्दर ने बुक किया हुआ था। वहां की तैयारियों को देखकर उसका मुँह खुला का खुला रह जाता है।“वाह बेटा इतना कुछ इंतजाम कर लिया था और मुझे बताया भी नहीं था अब क्या खाक तैयारी देखूँ , सब कुछ तो तैयार ही है ।।।”, रवि अपने मन ही मन कहता है। “बस आन्या...

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