Pearl In Deep
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Category: Poems

मानव का संवाद कैंसर के साथ

विश्व कैंसर दिवस पर विशेष –
कुछ घाव हरे थे, कुछ पुराने हो चले थे
कुछ घाव गहरे थे , कुछ अब तक मिट चुके थे
पर मैं जीतूंगा , ये यकींन मेरे जज्बे में था

सन्देश

स्वतंत्रता दिवस पर विशेष : महापुरुषो का सन्देश
कथा पुरानी महापुरुषो की देती है सन्देश हमे
सत्य, अहिंसा पथ न छोड़ो,लेश मात्र ना द्वेष करे
जीवन जीने का आधार, बड़ा ही दृण बनाना है

छोटा सा एक पेड़ लगा दो

छोटा सा एक पेड़ लगा दो : एक चिड़िया उपवन में खेल रहे एक छोटे बच्चे से क्या बोल रही है इस कविता में वही भाव व्यक्त की कोशिश की है..आशा है आपका प्रोत्साहन मिलेगा … मेरी कलम से नन्ही चिड़िया बोली मुझसे,छोटा सा एक पेड़ लगा दोमेरे बच्चे कहा रहेंगे,उनका भी एक घर बना दो… तपती धरती, तपता अम्बर,कही जगह न छुपने की अबठंडी छाया वाली मुझको,हरे पेड़ की...

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पूछती है वादियाँ

थल सेना को समर्पित : पूछती है वादियाँ
एक सैनिक की जुबानी उसके दिल की बात..
गरजता और बरसता , बस यूँ चला जा रहा हूँ मैं,
दुश्मनो के सीने को, चीरने की तमन्ना दिल में हैं

2020 शिकायतें कम शुक्रिया ज़्यादा या शुक्रिया कम शिकायतें ज़्यादा

2020 शिकायतें कम शुक्रिया ज़्यादा या शुक्रिया कम शिकायतें ज़्यादा – पूरे वर्ष को एक कविता के माध्यम से व्यक्त करने का मेरा प्रयास … आशा है आप सभी उत्साहित करेंगे…  शिकायतें कम करुँ या शुक्रिया ज़्यादाया शुक्रिया कम करुँ शिकायतें ज़्यादारह रह कर सोच रहा है मनएक एक मोती शुरू से पिरो रहा है मन माह जनवरी, फरवरी और मार्च: जनवरी और फरवरी की तो बात ही निराली थीअजब...

दूरदर्शन मेरा प्यारा मनोरंजन

दूरदर्शन मेरा प्यारा मनोरंजन
सबके मन को भाता,
घर बैठे बैठे ही मुझको, दुनिया भर की सैर कराता
ना बाहर जाने का सर दर्द,
ना पैकिंग का झंझट,
जहाँ चाहो वहाँ…

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मातृत्व का एहसास

मातृत्व का एहसास –
तेरी नाजुक हथेलियों को छूती हूँ जब भी,
हौले से एक मुस्कान आ जाती है मुख पे
तेरे नन्हे नन्हे पाँव चलते है जब भी ,
एक मीठी सी आह छा जाती…

अधूरा एहसास

मातृत्व का एहसास एक ऐसा एहसास है जिसे शब्दों में बयान कर पाना आसान नहीं हैं… और अगर कोई किसी कारण से इस एहसास से वंछित रह जाये तो….वक़्त के साथ घाव भर जाते है मगर कुछ एहसास ऐसे होते है जो जिंदगी भर नहीं भूले जाते … उनहीं भावनाओ को इन पंक्तियों में उतIरा है … बेपनाह दर्द है दिल में, किसी को दिखाया नहीं जाताअपनी आंख का आंसू हमसे,...

क्या फल मिलता है

क्या फल मिलता है- मेरी कलम से सरहदो के उस पार एक वतन है ,सरहदों के इस पार एक वतन हैरहते है जब इंसा ही दोनों तरफ तो, कैसे पहचाने क्या अंतर हैमत लड़ो तुम, मत कटो तुम,मत करो जमी से मक्कारीतुम लोगो के झगड़ो में, मेरी जन्नत(कश्मीर) देखो हारी… क्या फल मिलता है हम सबको, इस कौम की लड़ाई मेंजहाँ कटते है इंसा इंसा कश्मीर की जुदाई में, भारत...

प्यार कर रहे है हम प्यार कर रहे है

एक मीठी सी हंसी का दीदार कर रहे है
प्यार कर रहे है हम प्यार कर रहे है…
बेचैन निगाहों से, अपनी मुहोब्बत का इजहार कर रहे है
प्यार कर रहे है…

किरण

उजले हुए चमन में , बिजली से चमके घन की,
ठंडी चली पवन की, मीठी सी एक चुभन
करती है ढ़ेर बातें, जग- जग के सारी रातें ,
ना तू रुला किसी को, जो मन में हो किरण …

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