एक गीत सावन की फुहार के नाम

एक गीत सावन की फुहार के नाम …… मौसम ने ली अंगड़ाई , सावन की बदरी छाई जियरा हौले हौले गाये , धुन कोई मतवाली वो टप टप  करती बूंदे मेरे तन को जब छूती है सारे बचपन की यादें मेरे मन को छू लेती है छप छप करती, बच्चो की वो टुकड़ी कागज की कश्ती बनाये जियरा हौले हौले गाये , धुन कोई मतवाली कॉलेज की यादें दिल में , मीठे से तीर चलाये कॉलेज कैंटीन...