Pearl In Deep
Passion to write

तेरे जैसा प्यार कहाँ part – 37

बचते रहे जिस बात से हम, फिरभी वो मेरे नाम हो गया |
जिस बात को छुपा रखा था सबसे, वो आज सरेआम हो गया ||


आन्या को रोता देख इन्दर इंस्पेक्टर से बोला, “देखिये सर अगर आप इस तरह से बात करेंगे , तो कोई , कैसे आपसे बात कर पायेगा या कुछ बता पायेगा… यही बात आप तसल्ली से समझाकर या आराम से भी तो पूछ सकते थे ना….”

इन्दर की बात सुनकर इंस्पेक्टर इस बार कुछ नहीं बोला और २-३ मिनट तक चुपचाप खड़ा हुआ रोती हुई आन्या को देखता रहा …. फिर पास ही पड़े एक मूढ़े को सरकाकर आन्या और इन्दर के नजदीक ही बैठ गया और इस बार बहुत आराम से आन्या से बोला , “देखिये आन्या जी, हमको आपसे कोई जाति दुश्मनी तो है नहीं, हम आपका ही तो केस सोल्व कर रहे है, मगर अब,,,,  अगर आप ही कोआपरेट नहीं करेंगी, तो हमें गुस्सा आएगा ही ना, बोलिये? मैंने ये बात बराबर बोला ना…”
इंस्पेक्टर की बात सुनकर आन्या ने एक नजर उठाकर उसकी और देखा और फिर इन्दर की तरफ जैसे कि पूछना चाह रही हो कि बोलो अब मैं आगे क्या करू?

आन्या को इन्दर की तरफ देखते देख इंस्पेक्टर  बोला , “देखिये आन्या जी आपको जो कुछ भी बोलना है दिल खोल कर बोलिये…मैं आपसे ये वादा करता हूँ कि जो जो आप मुझसे  कहेंगी वो इस कमरे से बाहर नहीं जायेगा….आपको डरने की कोई जरुरत नहीं ….अब ठीक हैं?” ,  यह कहकर इंस्पेक्टर मुस्कुराया और फिर वह से उठते हुए बोला , ” चलिए , अब जल्दी से शुरू हो जाइये….बहुत ज्यादा टाइम नहीं हैं हमारे पास…आलरेडी ७ बज गया है….कितना कीमती टाइम ख़राब कर दिया देखिये आपने हमारा”

इससे पहले की आन्या कुछ कह- समझ पाती…इन्दर भी आन्या के पास से उठ खड़ा हुआ और २-३ कदम आगे बढ़ , इंस्पेक्टर के करीब  जाकर खड़ा हो गया और फिर इंस्पेक्टर से बोला, “इंस्पेक्टर मैं बताता हूँ आपको सारा सच,  मुझे पता हैं सब कुछ…”, कहकर इन्दर चुप हो गया….
इन्दर की बात सुनकर कुछ पल इंस्पेक्टर चुप रहा फिर बहुत हैरानी से इन्दर की तरफ देखता हुआ बोला, “ये क्या बोल रहे है आप मिस्टर इन्दर…इसका मतलब जानते है आप लोग? मैं अगर चाहूँ तो आप दोनों पर पुलिस से सच छुपाने और गुमराह करने का केस भी दाखिल कर सकता हूँ….”

“दोनों नहीं हम चारो….हम चारो को ही सारी बाते पता थी… आप किस किस पर केस करोगे….”, इस बार अर्थ ने थोड़ा गुस्साते हुए इंस्पेक्टर से कहा और आन्या के पास आकर उसका हाथ एक सपोर्ट के साथ पकड़ लिया…..,”मेरी दी अकेली नहीं हैं, हर कदम पर मैं भी हूँ उसके साथ….और हमेशा रहूंगा….”, उसकी आँखों में आन्या के लिए प्यार और दर्द साफ़ दिख रहा था….
अर्थ की बातें सुनकर अब मुँह खुला रह जाने की बारी इस बार इंस्पेक्टर की थी , वो कभी इन्दर को , तो कभी  मौसी को , तो कभी आन्या और कभी अर्थ को ताक रहा था….उसने दोनों अधिकारियो की तरफ देखा और उनको बाहर जाने का इशारा किया…. फिर कड़कती आवाज में बोला,  “पुलिस को मजाक समझ रखा है क्या आप लोगो ने….कि जब मन किया बता दिया ,,, जब मन किया छुपा लिया,,,,,,,, आप लोग जानते नहीं मैं किस टाइप का इंस्पेक्टर हूँ अगर अपनी पर आ गया ना, तो आप सब तो अभी यहाँ इतना फॅमिली ड्रामा कर रहे है ना ये सब उड़नछू हो जायेगा….समझे आप लोग”

इंस्पेक्टर की बातें सुनकर अर्थ को काफी गुस्सा आ रहा था मगर फिर भी खुद को सम्भालते हुए फिर से इंस्पेक्टर से बोला , “सर , दी ने हमसे कुछ नहीं छुपाया…उन्होंने हमे बाद में सब कुछ बता दिया था उनकी कोई गलती नहीं हैं , उन्होंने अगर आपसे कुछ छुपाया तो उसका भी कोई कारण था ….आप प्लीज समझिये…. अब आपको जो कुछ भी पूछना है हमसे पूछ लीजिये मगर दी को अब और परेशान मत कीजिये….प्लीज……ये रिक्वेस्ट है आपसे”

“ना ना ना…..ना….. और कोई क्यों…..?..? आन्या जी ही बताएगी अब तो पूरा सच……”, यह कहकर इंस्पेक्टर आन्या की तरफ देखकर हल्का मुस्कुराया और फिर बोला , “हाँ तो आन्या जी…..अब शुरू हो जाइये आप “

“जी ,,,, जी वो मैं उस दिन,,,,,, मानव से मिली थी सर….
मगर,,,,मगर मुझे ये बिलकुल नहीं पता था कि मानव ने मुझे वहां बुलाया है…”, आन्या ने बहुत ही धीमी सी आवाज में कहा..

ये सुनकर इंस्पेक्टर थोड़ा परेशान सा होता हुआ तेजी से आन्या की बगल में जाकर बैठ गया और उससे बोला , “अब यो कौन आ गया ? बॉयफ्रेंड हैं क्या आपका ? “
यह सुनकर इन्दर चिल्लाया,  “इंस्पेक्टर…….” तो इंस्पेक्टर  इन्दर की तरफ देखकर बीच में ही बोला , “अरे, थोड़ा शांति रखिये इन्दर जी …..अब आन्या जी  नाम छुपा रही थी तो मुझे लगा………”, कहकर इंस्पेक्टर तिरछा मुस्कुरा  और फिर एक पल में ही सीरियस होकर बोला , “खैर जो भी है , अब खातिरदारी तो इसकी भी करनी पड़ेगी थोड़ी बहुत………. अब हमको बस ये बता दो कि इनने बुलाया क्यों था आपको….योईं चलारा है क्या आपपे गोलियाँ?”
इंस्पेक्टर की बात सुनते ही आन्या तुरंत बोली , “नहीं, नहीं सर,,,,,, उसने ये सब कुछ नहीं किया…..वो तो…उसने किसी और वजह से मुझे वहां बुलाया था…” , आन्या ने थोड़ा नजरे चुराते हुए कहा,,,,
“किस वजह से ?” , इंस्पेक्टर ने आन्या को टटोलते हुए पूछा….
“वो मैं आपको नहीं बता सकती सर…”, आन्या ने ना में अपना सर हिलाते हुए कहा तो इंस्पेक्टर कड़कती आवाज में बोला , “वो तो आपको बताना ही पड़ेगा आन्या जी….आपके पास और कोई चारा नहीं है…”

आन्या के पास वाकई और कोई चारा नहीं था…आख़िरकार उसे इंस्पेक्टर  को सब कुछ बताना ही पड़ा जो जो वहाँ हुआ…. बताते बताते कई बार उसका गला रुँधा तो कई बार उसकी आँखों से आंसू निकल पड़े….
इन्दर भी ख़ामोशी से सबकुछ सुन रहा था और आन्या की तकलीफो को फिर से महसूस कर रहा था….बीच बीच में उसे मानव पर और खुद पर काफी गुस्सा भी आ रहा था,,,,,, इतनी डिटेल में तो ये सब बातें उसे भी नहीं पता थी…अब उसे ये एहसास हो रहा था कि आन्या ने उससे मानव के बारे में क्यों छुपाया था ,,, क्यों वो इतना डर रही थी…. शायद उसे ये लगा था कि मानव के उसे इस तरह जुनूनी तरीके से प्रोपोज़ करने को कही मैं गलत ना समझ लू…..
“मगर मानव ने अच्छा नहीं किया…और एक मैं था जो उस टाइम उससे दोस्ती निभा रहा था और उसके साथ पार्टी एन्जॉय कर था…..छी….शरम आनी चाहिए मुझे….मेरी आन्या इतनी तकलीफ में थी और मैं क्यों नहीं कुछ समझ पाया….”, सोचते सोचते इन्दर की आँखों में नमी आ गई….
आन्या अभी भी एक एक बात बारीकी से इंस्पेक्टर को बता रही थी….
माहौल काफी भावुक हो चुका था,  अर्थ और मौसी की आँखों में भी नमी उतर आई थी…
मगर इंस्पेक्टर अब बहुत अधिक आत्मवश्वास से भर चुका था,,,, इतनी महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगने के बाद उसे यकीन था की केस को आगे बढ़ने में जरूर मदद  मिलेगी..

आन्या अपनी बात पूरी कर चुकी थी और धड़ाम से सोफे पर बैठ गई……उसकी आँखों से आंसू झड़ रहे थे और  एक  बार फिर वही सब याद कर उसका मन छलनी हो चुका था……

“देखिये आन्या जी आप परेशान मत होइए…आपकी सारी बात सुनने के बाद मैं इतना तो समझ गया हूँ कि  ये आपका काफी पर्सनल मेटर है और इसीलिए आप इसे छुपाने की कोशिश कर रही थी…मगर आप निश्चिंत रहिये…मैं पूरी कोशिश करूँगा कि ये सब बात मेरे तक ही रहे…”, इंस्पेक्टर  ने उम्मीद के विपरीत बहुत अच्छे से आन्या को समझाते हुए कहा….
फिर बाकि सब की तरफ देखकर बोला, “ठीक है तो फिर,  अभी मैं भी जाता हूँ ,,,,, आप लोगो को जो परेशानी हुई उसके लिए माफ़ कीजियेगा… और आप सभी ने हमारे साथ कोआपरेट किया उसके लिए शुक्रिया….
बाकी फिर कल करते है मुलाक़ात,,,मानव जी से…”, यह कहकर इंस्पेक्टर तिरछा मुस्कुराया…

इंस्पेक्टर को इस तरह मुस्कुराते देख इन्दर बोला, “सर, मानव ने चाहे कितना भी गलत किया हो मग़र फिर भी आपसे यही कहूंगा कि उसने जो भी किया वो एक जज्बाती जूनून था उसका , मगर वो गुनहगार नहीं है…आन्या पर गोली उसने नहीं चलवाई होगी  ये यकीन तो मुझे भी है….”

इन्दर की बात सुनकर इंस्पेक्टर हॅसते हुए बोला, “इन्दर जी, आप लोगो की प्रॉब्लम यही है , आप लोग बहुत भावुक हो जाते हैं,  आपको केस नहीं भी करना और करना भी है… अब आप सब हम पर छोड़ दीजिये… कौन गुनहगार है कौन नहीं, ये आज नही तो कल पता चल ही जायेगा…
मगर तब तक, केस से जुड़ा हर इंसान शक की गिरफ्त में होता है….और फिर वो तो पूरा का पूरा सूत्रधार था…तो फिर मिलना तो उससे पड़ेगा ही ….इसीलिए आप पुलिस को अपना काम करने दीजिये….बस आप मुझे मानव का एड्रेस मैसेज कर देना अगर आपमें से किसी के भी पास हो तो….”, यह कहकर इंस्पेक्टर वहां से निकल जाता हैं….

********

इधर होटल में पूरा दिन से इन्दर को गायब देख कर सभी बहुत चिंता में थे….रवि बार बार इन्दर को फ़ोन मिला रहा था मगर इन्दर का फ़ोन तो जैसे आज ना जाने कहाँ पड़ा था…..  उसे भी कल से कुछ होश कहा था….पूरी रात सो नहीं पाया था और सुबह होते ही आन्या से मिलने निकल पड़ा था….
दोनों की उलझने कुछ सुलझी ही थी तो इंस्पेक्टर आ धमका था….ऐसे में उसे ये भी याद नहीं रहा कि होटल पर भी और बहुत लोग है जो उसके लिए परेशान हो रहे होंगे….रवि ने कई बार आन्या का फ़ोन भी  ट्राई किया मगर उसका भी तो वही हाल था…..
अब तो रवि को भी काफी चिंता होने लगी थी और कल रात के परेशान इन्दर का याद आते ही वो और ज्यादा परेशान हो गया था…
इधर संध्या भी अंगारा हुई जा रही थी…. मीता , आलिया , रवि ये तीनो भी संध्या से साथ ही कमरे में थे….

“कहा है भाई ….कुछ तो गए होंगे बताकर….”, संध्या ने पूरा दिन इन्तजार के बाद दुबारा रवि से पूछा….तो रवि ने गर्दन हिला कर शांत  लहजे में कहा , “मुझे कुछ नहीं पता संध्या वो कहा गया…कल रात मैं तो चला गया था थोड़ा टाइम बाद अपने रूम में….और सुबह तो जब तुम यहाँ आये तभी मैं आया था…तो रूम लॉक ही था ना…मुझे कैसे पता होगा..वो मुझे कुछ भी बोलकर नहीं गया…वो तो अच्छा हुआ मैनेजर ने मास्टर-की से रूम खोल दिया…..मैं भी उतना ही परेशान हूँ जितना तुम….कब से फ़ोन मिला रहा हूँ वो भी नहीं उठा रहा वो…”

रवि की बात सुनकर संध्या भड़क गई, “ऐसे कैसे तुमको कुछ नहीं पता…कल रात आखिरी बार तुम ही थे ना भाई के साथ….या भाई तुम्हारे लिए कुछ मायने ही नहीं रखते….मुझे तो नही लगता कि तुमको उनकी कोई चिंता भी हैं…..रात भी मुझे तुमने दूसरे कमरे में भेज दिया….ये कहकर कि तुमने कमरे में भाई के लिए कुछ सरप्राइज प्लान किया हैं….इसीलिए आज मैं मीता और आलिया के साथ ही रुक जाऊ…क्यों क्यों बोला तुमने ये झूट….ऐसा क्या हो गया कल रात की भाई सुबह सुबह ही कही निकल गए और उन्होंने हममे से किसी को भी बताना जरुरी नहीं समझा…..कही तुमने ही तो कुछ नहीं कह दिया उनको….”, संध्या गुस्से में बुरी तरह चिल्ला रही थी मगर रवि के पास कोई जवाब नहीं था….
इन्दर आन्या को लेकर कुछ परेशान था ये बात उसने सबको बताना ठीक नहीं समझा वैसे भी उसे खुद कहा कुछ पता था….इसीलिए वो चुपचाप खड़ा संध्या की झड़प सुनता रहा….”
गुस्से में आज संध्या ने उसे काफी कुछ सुना दिया था….मगर फिर भी रवि शांत बना रहा….अभी तो उसे इन्दर की चिंता ज्यादा हो रही थी….ये सब चीज़ें तो उसके आगे कुछ भी नहीं थी….अब संध्या भी शांत होकर बालकनी में जाकर खड़ी हो गई थी और आलिया भी उसे समझा रही थी….

रवि के आँखों के कोरे भी गीले हो चुके थे …..
“दोस्ती के लिए इस बार ये भी सही…”, रवि मन ही मन सोचकर  बुदबुदाया और उसके चेहरे पर एक गर्व वाली मुस्कान आ गई….तभी उसे अपने कंधे पर किसी का हाथ महसूस हुआ…उसने पलटकर देखा तो मीता खड़ी थी….वो उसे बहुत दर्द भरी नजरो से देखते हुए बोली… “तुम ठीक हो ना रवि,,,,, संध्या ने गुस्से में तुम्हे आज कुछ ज्यादा ही कह दिया….उसे ऐसे नहीं बोलना चाहिए था….मुझे भी बहुत बुरा लगा…..मगर कोई नहीं, बच्ची है…नादान है…तुम उसे प्लीज माफ़ कर देना…समझ जाएगी वो…”

मीता की बात सुनकर रवि ने एक पल को उसे देखा उसे यकीन ही नहीं आ रहा था कि हर वक़्त उससे लड़ने झगड़ने वाली , उसे घडी घडी कुछ कुछ सुनाने वाली झल्ली सी मीता आज उसे  ये सब समझा रही थी….यह सोच उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई फिर अपने भीगे  कोरे पूछते हुए वो मुस्कुराकर बोला , “अरे कोई नहीं यार, मैं समझता हूँ सब….वो भी परेशान है बहुत,  इसीलिए कह गई….”, और फिर मुस्कुराकर, अपने दिल का हाल छुपाते हुए कमरे से बाहर  निकल गया….

******

उधर आर्य फार्म हॉउस पर –

मानव और धीरज के बीच का द्वन्द अभी भी जारी था…दोनों ही सुबह से बात नहीं कर रहे थे…. मानव अपने कमरे में बंद था और ड्रिंक पर ड्रिंक कर रहा था और धीरज अपने कमरे में बंद था….पूरा दिन तो दोनों ने उटपटांग स्नैक्स और अगड़म बगड़म खाकर निकाल दिया जो भी वहां उपलब्ध था…..
मगर बिना भरपेट खाये किसी का पेट कहा भरता है…. वो कहते है ना कि
” गुस्सा खाली पेट से ज्यादा नहीं होता….”

पूरा दिन उटपटांग खाने और भूख झेलने के बाद भी जब दोनों से सब्र नही हुआ तो दोनों बाहर लॉबी में निकल आये…..रात के ८ बज रहे थे…दोनों ने ही केयरटेकर से अपना अपना खाना आर्डर करने के लिए कहा……
थोड़ी देर बाद दोनों का होटल से आर्डर किया हुआ सामान  आ चुका था….दोनों ही बिना कुछ बोले अपना अपना खाना खाने बैठ गए मगर शायद केयरटेकर ने ही गलती से दोनों के बॉक्स बदल दिए थे इसीलिए मानव का खाना धीरज के पास और धीरज का मानव के पास पहुंच  गया….

पहले तो दोनों खाना देख कुछ नहीं बोले… फिर दोनों ने ही एक दूसरे को देखा,,,  आपस में नजर मिलते ही दोनों ने नजर चुरा ली…अब दोनों ही अपने अपने खाने को देख रहे थे… मगर खाये कैसे… एक ने वेजीटेरियन मंगाया था और दूसरे ने नॉन वेज… तो अब तो खाना बदलने के लिए बोलना ही पड़ेगा मगर पहले बोले कौन…. आखिर ईगो का सवाल था….कुछ पल शांति छाई रही फिर दोनों ने ही एक साथ एक दूसरे से बोलने के लिए गर्दन घुमाई और एक साथ बोल पड़े….
“मानव….”
“धीरज…..”
फिर अचानक से, दोनों के ही चेहरों पर एक मुस्कान तैर गई और दोनों एक साथ हंस पड़े…. आखिर अच्छे दोस्त कब तक एक दूसरे से नाराज या अलग रह सकते हैं….भई , बहुत लम्बा साथ है… इतने काण्ड साथ किये हैं अब तक….और फिर आखिर आगे और भी तो बहुत काण्ड है जो साथ करने हैं मिलकर  🤭🤭

“साले…”, धीरज ने कहा और उठ कर मानव के गले लग गया….फिर उसका खाना उसे दे दिया और उसकी बराबर में आकर बैठ गया….. मानव ने भी हसते हुए उसका खाना उसे दे दिया….
दोनों पूरा दिन से भूखे थे और दोनों को ही काफी तेज भूख लग रही थी तो दोनों एकदम से खाने पर टूट पड़े और जल्दी जल्दी खाना खाने लगे… कुछ ही मिनटो में दोनों ने ऑलमोस्ट अपना सारा खाना खतम कर दिया था….
“बहुत नौटंकी है तू वैसे बचपन से ही….”, धीरज ने अपने खाने पर फाइनल टच देते हुए मानव से कहा…….तो मानव भी बोला, “हाँ  तू तो जैसे दूध का धुला है…अगर मैं गुस्सा हो भी गया था साले, तो तू क्या मुझे आकर मना भी नहीं सकता था….”
“हा हा हा…..हाँ , तू तो मेरी लुगाई है ?,,,,,,,,,,,,जो तुझे मनाउ….”, धीरज ने हॅसते हुए कहा तो मानव चिढ़कर बोला, “नहीं नहीं , वो तो मीता है ना…. मैं कैसे हो सकता हूँ….”

दुबारा मीता का नाम सुनकर धीरज थोड़ा सकपका गया ,,,,
“मान जा,,,,,,,,,,,,,दुबारा मीता का नाम लिया तो देख लियो तू फिर ….”, धीरज ने मानव को घूरते हुए अपना गुस्सा दिखाया….
“चल चल खाना खतम करने दे मुझे…..”, मानव बुदबुदाया,,,
इससे पहले की मानव कुछ और बोलता धीरज बीच में ही, सामने गेट की तरफ देखते हुए हल्के से बुदबुदाया, “वैसे वो देख , तेरी भी बिन बुलाई लुगाई आ गई हैं… ले अब सम्भाला इसे…मैं तो चला….”, यह कहकर धीरज वहां से उठकर अपने कमरे में चला गया….
धीरज की बात सुनकर मानव ने जैसे ही पलटकर गेट की तरफ देखा , उसके हाथ का निवाला छूट कर नीचे गिर गया…


क्रमश:


– रूचि जैन

33 Responses

  1. roxanne says:

    I’ll be all the way naked in just a sec http://prephe.ro/Bdsn

  2. mae says:

    Which hole you eating first? http://prephe.ro/Bdsn

  3. norma says:

    Cum on my tits or mouth? http://prephe.ro/Bdsn

  4. terrie says:

    I wanna be eaten out, any takers? http://prephe.ro/Bdsn

  5. meagan says:

    I wanna be eaten out, any takers? http://prephe.ro/Bdsn

  6. brianna says:

    Can I sit on you? http://prephe.ro/Bdsn

  7. trudy says:

    All I want is to get my teen tits sucked for the first time http://prephe.ro/y6sn

  8. cheri says:

    Would you fuck me right when I got home from work? https://is.gd/NTRfVO

  9. kristy says:

    Come take a shower with me http://tiny.cc/gz35vz

  10. luann says:

    Come here so I can jiggle them on your cock 😛 http://tiny.cc/gz35vz

  11. chandra says:

    Come take a shower with me https://is.gd/dBsd60

  12. alfreda says:

    I don’t care which hole you eat first as long as you eat both https://is.gd/dBsd60

  13. kristina says:

    Would you like me to wrap my boobs around your big hard cock? https://is.gd/dBsd60

  14. sherri says:

    I’ll be all the way naked in just a sec https://is.gd/dBsd60

  15. zelma says:

    Waiting patiently for you to come home and fuck me! http://bitly.ws/znHX

  16. zelma says:

    Waiting patiently for you to come home and fuck me! https://hdo.ai/DVMQq

  17. zelma says:

    Waiting patiently for you to come home and fuck me! https://bit.ly/3UKFVxa

  18. zelma says:

    Waiting patiently for you to come home and fuck me! https://bit.ly/3UKFVxa

  19. zelma says:

    Waiting patiently for you to come home and fuck me! https://bit.ly/3UIKI2R

  20. zelma says:

    Waiting patiently for you to come home and fuck me! https://bit.ly/3UIKI2R

Leave your valuable Comment

error: Content is protected !!