पल पल टूट कर ,
तेरी बाहों में बिखर जायेंगे हम
गर, प्यार के मोती बिखराओगे तुम,
बेचैन निगाहों को कैसे रोकेंगे हम
गर, प्यार का समुन्दर बहाओगे तुम ,
हाथों में मेहँदी लाल तब रचाएंगे हम
जब चुटकी भर सिन्दूर , उठाओगे तुम
होंठों पे बंद चुप्पी खोलेंगे तब
जब पास बैठ, वो तीन लब्ज़ बोल जाओगे तुम
तेरी हर याद अपने मन में बसायेंगे हम
गर , प्यार के चंद पल बन जाओगे तुम
दूर जाकर भी ना तुमको भूल पाएंगे हम
गर, मेरे जीवन का एक मोड़ बन जाओगे तुम…
-रूचि जैन