मातृत्व का एहसास एक ऐसा एहसास है जिसे शब्दों में बयान कर पाना आसान नहीं हैं… और अगर कोई किसी कारण से इस एहसास से वंछित रह जाये तो….वक़्त के साथ घाव भर जाते है मगर कुछ एहसास ऐसे होते है जो जिंदगी भर नहीं भूले जाते … उनहीं भावनाओ को इन पंक्तियों में उतIरा है …
बेपनाह दर्द है दिल में, किसी को दिखाया नहीं जाता
अपनी आंख का आंसू हमसे, गिराया नहीं जाता …
ये तो कहते है सब अब भूल जा जो हुआ
पर जो दर्द है इस माँ का, उसे छुपाया नहीं जाता…
दूध बन कर के बह रहा है , मेरा प्यार जिसके लिए …
वो दूर जा चुका है , आँचल से अब मेरे
खाली आँचल को अपने , हमसे सिमटाया नहीं जाता..
अपने टूटे हुए सपनो को हमसे भुलाया नहीं जाता …
अपनी आंख का आंसू हमसे, गिराया नहीं जाता …
-रूचि जैन
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